हरिद्वार के ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र से एक चौंकाने वाली ख़बर सामने आ रही है जिनसे पुलिस को भी हैरत में डाल दिया। ज्वालापुर के एक बैक्वेट हॉल संचालक के 11 वर्षीय बेटे ने ट्यूशन से बचने क लिए अपने ही अपहरण की कहानी रच डाली।
बच्चे की कहानी ने कुछ घंटे पुलिस को जरूर छकाया। दो दर्जन से अधिक सीसीटीवी कैमरे छाने गएलेकिन उनमें न तो बच्चा दिखा और न अपहरण करने वाले युवक। लेकिन अपनी ही अपहरण की कहानी में बार-बार बयान बदलने पर आखिरकार उसने सच उगल दिया। रात तक पुलिस ने कहानी से पर्दा उठाते हुए स्पष्ट कर दिया कि ट्यूशन जाने से बचने के लिए उसने अपहरण की काल्पनिक कहानी बना ली। बच्चे ने पूछताछ में बताया कि वह परिजनों की डांट से नाराज और परेशान था। इसलिए ट्यूशन न जाने के लिए उसने यह सब कहानी बनाई। फिल्मों में देख कर उसके मन में यह विचार आया था।
11 वर्षीय बेटा देव कक्षा पांचवीं में पढ़ता है और रोजाना साइकिल से ट्यूशन पढ़ने जाता है। शुक्रवार शाम भी वह घर से साइकिल पर ट्यूशन के लिए निकला। लेकिन वह ट्यूशन नहीं पहुंचा। कुछ देर बाद उसने घर पहुंचकर बताया कि उसे चार लोगों ने उसका रास्ता रोक लिया।
चारों युवक दो अलग-अलग दुपहिया वाहनों पर थे। दो युवकों ने उसे जबरदस्ती अपनी बाइक पर बैठा लिया। जबकि दूसरे बाइक का एक युवक उसकी साइकिल लेकर चला गया। चौथा युवक दूसरी बाइक से उनके पीछे आने लगा।
देव ने पुलिस को बताया कि लोधमंडी में उसे युवक लेकर पहुंचे। जहां एक साधु रास्ते में खड़ा था। जिसे देखकर युवकों ने बाइक रोक दी। युवक उससे बात करने लगे और साधु के चरण स्पर्श करने लगे। इसी बीच वह उनके चंगुल से निकल गया और किसी तरह बचकर घर पहुंचा।
देव ने मां को इसकी जानकारी दी और पुलिस घटना के बारे में बताया। सूचना मिलते ही एसएसपी अजय सिंह ने तत्काल मामले की जांच करने के निर्देश दिए। पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर दो दर्जन से ज्यादा लगे सीसीटीवी को चेक किया लेकिन कहीं भी देव या उसके बताए युवक नजर नहीं आएबच्चा बार बार बयान बदलते रहा। जबकि देव घर साइकिल से पहुंचा था। शंका होने पर पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। बताया कि ट्यूशन नहीं जाना चाहता है। मां की डांट और ट्यूशन जाने से बचने के लिए उसने झूठ बोला।
एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह ने बताया की बच्चा ट्यूशन नहीं जाना चाहता था। जिसको लेकर उसकी मां ने उसे दोपहर में डांट दिया था। सिर्फ ट्यूशन जाने से बचने के लिए और घर पर ही रहने के लिए उसने अपने अपहरण की फर्जी कहानी आकर घरवालों को बताई। परिवार ने ज्वालापुर पुलिस को इसकी सूचना दी। लेकिन जांच में कहीं भी अपहरण की पुष्टि नहीं हो पाई। बाद में बच्चे ने भी स्वीकार किया कि उसने सिर्फ ट्यूशन जाने से बचने के लिए उसने यह सब किया।