बढ़ते कोरोना के नए वैरिएंट के मामलों पर देश भर में कोविद गाइडलाइन्स जारी कर दी गयी है… एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन ,बस अड्डों में कोविड को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गयी है… बाहर से आने जाने वालों की जांच की जाएगी। उत्तराखंड में भी स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड़ पर है…
वही सोशल मीडिया पर चल रही फ़र्ज़ी खबरों पर भी स्वास्थ्य सचिव डा आर राजेश कुमार ने अंकुश लगाया है… उन्होंने कहा की उत्तराखंड में आ रहे सैलानियों पर कोविड जांच की बाध्यता नहीं है लेकिन आने वाले पर्यटकों को सावधानी बरतनी होगी।
स्वास्थ्य सचिव डा आर राजेश कुमार ने इंटरनेट मीडिया में चल रही उस चर्चा को निराधार बताया है, जिसमें उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों के लिए आरटीपीसीआर अनिवार्य करने की बात कही गई है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि ऐसी कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। राज्य में आने वाले यात्रियों के लिए वर्तमान में कोविड जांच की कोई बाध्यता नहीं है। यद्यपि, किसी यात्री में कोरोना के लक्ष्य होने पर नजदीकी स्वास्थ्य सेवा केंद्र में संपर्क करना आवश्यक है।उन्होंने कहा कि पर्यटकों को घबराने व डरने की कोई जरूरत नहीं है।
राज्य में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और पर्यटक बिना रोक-टोक के यात्रा कर सकते हैं।स्वास्थ्य सचिव के अनुसार आमजन को बूस्टर डोज लगवाने को प्रेरित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड में हर साल ही बड़ी संख्या में सैलानी यहां का रुख करते हैं। वर्तमान में भी क्रिसमस और न्यू इयर ईव के लिए मसूरी, नैनीताल समेत सभी प्रमुख स्थलों में होटल, रिसार्ट और विश्राम गृह बुक हो चुके हैं। इस बीच चीन, अमेरिका समेत अन्य देशों में बढ़ते कोरोना संक्रमण ने चिंता बढ़ा दी है।
सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार के अनुसार कोरोना से बचाव के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है। इसे देखते हुए सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीमें आमजन को मास्क पहनने और कोविड सम्यक व्यवहार के अनुपालन को जागरूक करने को अभियान चला रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने टीकाकरण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।
कोरोना से बचाव के लिए प्रथम व द्वितीय डोज शत-प्रतिशत लग चुकी हैं। अब बूस्टर डोज लगवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसे अभियान के तौर पर चलाने के निर्देश दिए गए हैं।