देहरादून। प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 20-20 साल से लंबित स्थायीकरण के मामले को सूचना आयोग ने काफी गम्भीर माना है। सूचना आयुक्त विपिन घिल्डियाल ने गुरुवार को दिए अपने आदेश में कहा है कि ऐसे कई मामलों में कई शिक्षक रिटायर भी हो चुके हैं। यह स्थिति स्थायीकरण के प्रावधान के आशय को ही समाप्त कर देती है। लिहाजा,सरकारी विभाग में स्थायीकरण की प्रक्रिया निरन्तर रूप से स्वयं विभागों द्वारा सुनिश्चित होनी चाहिए और इसके लिए कर्मचारियों को आवेदन की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
सूचना आयुक्त घिल्डियाल ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अध्यापकों के स्थायीकरण के जो भी मामले लम्बित हैं तथा जिन अध्यापकों की परिवीक्षा काल की समयावधि समाप्त हो गयी हो एवं जो स्थायीकरण की अर्हता पूर्ण कर रहे हों, उनके स्थायीकरण की कार्यवाही यथाशीघ्र कराना सुनिश्चित करें।
फैसले में कहा गया है कि सरकारी विभाग में स्थायीकरण की प्रक्रिया निरन्तर रूप से स्वयं विभागों द्वारा सुनिश्चित होनी चाहिए और इसके लिए कर्मचारियों को आवेदन की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
अपीलार्थी डॉ जगदीश चन्द्र ने चमोली जिले से जुड़े मामले में शिक्षा विभाग से कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। सूचना आयोग के फैसले की प्रति बेसिक शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा ,देहरादून को उचित कार्रवाई करने की उम्मीद के साथ भेजी गई है।
सूचना आयोग का फैसला: