दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक महोत्सव का आज समापन

हिमालय विरासत ट्रस्ट, शाही ब्लूबुक्स दिल्ली तथा हिमालयीय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ऋषिकेश परमार्थ में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक महोत्सव का आज समापन हो गया।
प्रथम सत्र में देश और विदेश से आए छात्रों और वक्ताओं ने अपने शोध पत्र पढ़े।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि प्रेम चंद्र अग्रवाल विशिष्ट अतिथि ऋषिराज सुनील जी महाराज आमंत्रित अतिथि पद्मश्री कल्याण सिंह रावत मैती, पद्मश्री बसंती देवी , पद्मश्री बी के एस संजय एवम प्रेम शर्मा उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में डॉ निशंक को हिंदी यूनिवर्स फाउंडेशन नीदरलैंड द्वारा “अंतरराष्ट्रीय साहित्य भूषण सम्मान” से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर निशंक रचना संसार की “धरती का स्वर्ग उत्तराखंड” स्मारिका का विमोचन विमोचन किया गया।
मुख्य अतिथि  प्रेम चंद्र अग्रवाल ने निशंक की प्रशंसा साहित्य करते हुए कहा की उन्होंने राजनीति और लेखन की ऊंचाइयों पर पहुंच कर भी अंतिम छोर के व्यक्ति को चिंता की। स्वामी नारायण उत्तराखंड के अध्यक्ष विशिष्ट अतिथि आदरणीय सुनील जी महाराज ने कहा की लेखन व्यक्ति के व्यक्तित्व की गहराई का परिचय देता है। पदद्म श्री कल्याण सिंह मैली ने कहा कि डॉ निशंक हिमालय का गौरव है।
डॉ वी के एस संजय ने कहा की डॉ निशंक साहित्य के माध्यम से सभी संवाद करने करते हैं और उनसे कोई भी व्यक्ति अछूता नहीं रहता।
पद्मश्री श्रीमती बसंती देवी ने सामाजिक समरसता के महत्व पर जोर देते हुए कहा की निशंक जी का साहित्य हम सब को जीवन की प्रेरणा देता है।
कार्य में 10 से अधिक देशों के साहित्यकार एवं भारत के कोने कोने से आए साहित्यकारों ने शिरकत की।
हिमालय विरासत ट्रस्ट, शाही ब्लूबुक्स दिल्ली तथा हिमालयीय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ऋषिकेश परमार्थ में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक महोत्सव का आज समापन हो गया।
प्रथम सत्र में देश और विदेश से आए छात्रों और वक्ताओं ने अपने शोध पत्र पढ़े।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि प्रेम चंद्र अग्रवाल विशिष्ट अतिथि ऋषिराज सुनील जी महाराज आमंत्रित अतिथि पद्मश्री कल्याण सिंह रावत मैती, पद्मश्री बसंती देवी , पद्मश्री बी के एस संजय एवम प्रेम शर्मा उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में डॉ निशंक को हिंदी यूनिवर्स फाउंडेशन नीदरलैंड द्वारा “अंतरराष्ट्रीय साहित्य भूषण सम्मान” से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर निशंक रचना संसार की “धरती का स्वर्ग उत्तराखंड” स्मारिका का विमोचन विमोचन किया गया।


मुख्य अतिथि  प्रेम चंद्र अग्रवाल ने निशंक की प्रशंसा साहित्य करते हुए कहा की उन्होंने राजनीति और लेखन की ऊंचाइयों पर पहुंच कर भी अंतिम छोर के व्यक्ति को चिंता की। स्वामी नारायण उत्तराखंड के अध्यक्ष विशिष्ट अतिथि आदरणीय सुनील जी महाराज ने कहा की लेखन व्यक्ति के व्यक्तित्व की गहराई का परिचय देता है। पदद्म श्री कल्याण सिंह मैली ने कहा कि डॉ निशंक हिमालय का गौरव है।
डॉ वी के एस संजय ने कहा की डॉ निशंक साहित्य के माध्यम से सभी संवाद करने करते हैं और उनसे कोई भी व्यक्ति अछूता नहीं रहता।
पद्मश्री श्रीमती बसंती देवी ने सामाजिक समरसता के महत्व पर जोर देते हुए कहा की निशंक जी का साहित्य हम सब को जीवन की प्रेरणा देता है।
पंजाब से आए डॉ राजेश द्विवेदी ने डॉ रमेश पोखरियाल निशंक  को स्मृति चिन्ह देकर अभिवादन स्वागत किया।
दिल्ली विश्वविद्यालय के विजय कुमार ,अमरकांत कुमार,रमा आर्य, डॉ0दीपक, स्नेह लता,विनय कुमार शर्मा सच्चिदानंद स्नेही डॉ निरहू रूपाली सराय, डॉ0सुशील कुमार उपाध्याय, डॉ0 बृजेश, डॉ ज्योति गोगिया, अखिलेश कुमार द्विवेदी, सुरेंद्र दत्त मंजू पुरी अनिल कुमार बाबूलाल मीणा जूही बिरला वीरेंद्र सिंह बड़थ्वाल विनोद कुमार इत्यादि को सम्मानित मंच ने सम्मानित किया।


कार्यक्रम में 10 से अधिक देशों के साहित्यकार एवं भारत के कोने कोने से आए साहित्यकारों ने शिरकत की।

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