वेद मंत्रों और भक्तिरस से गूंजा बदरीनाथ धाम, चारधाम यात्रा का श्रीगणेश

बदरीनाथ

मुख्यमंत्री धामी ने दी शुभकामनाएं

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15,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने लिए निर्वाण दर्शन; पुष्पवर्षा और वेद ध्वनि से गूंज उठा धाम

बदरीनाथ धाम। उत्तराखंड स्थित विश्वविख्यात श्री बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार, 4 मई को प्रातः 6 बजे विधिपूर्वक श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। पूरे परिसर में भक्ति, परंपरा और दिव्यता का अद्भुत संगम देखने को मिला। कपाट उद्घाटन के इस पावन अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित लगभग 15,000 से अधिक श्रद्धालु एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

कपाट खुलने की प्रक्रिया रविवार तड़के सुबह 4 बजे से प्रारंभ हो गई थी। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल के नेतृत्व में समिति के समस्त अधिकारी और कर्मचारी मंदिर परिसर में एकत्र हो चुके थे। साढ़े चार बजे श्री कुबेर जी की प्रतीकात्मक शोभायात्रा बामणी गांव से चलकर दक्षिण द्वार होते हुए मंदिर परिसर में पहुंची।

प्रातः 5 बजे रावल अमरनाथ नंबूदरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी, पूर्व रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, राजपुरोहित कांता प्रसाद नौटियाल, हक-हकूकधारी डिमरी पंचायत प्रतिनिधि, मंदिर समिति सदस्य, भारतीय सेना के अधिकारीगण, वेदपाठी, प्रशासनिक अधिकारी एवं आम श्रद्धालु मंदिर परिसर में एकत्र हुए।

द्वार पूजा ठीक 5:30 बजे प्रारंभ हुई और प्रातः 6 बजे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट विधिवत रूप से खोले गए। इससे पूर्व माता लक्ष्मी जी ने श्री बदरीनाथ मंदिर से बाहर निकलकर परिक्रमा स्थित अपने मंदिर में प्रवेश किया। इसके पश्चात श्री कुबेर जी, श्री गरुड़ जी एवं श्री उद्धव जी को गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया गया।

भगवान बदरीविशाल के ‘निर्वाण दर्शन’ का विशेष दृश्य उपस्थित श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत भावविभोर कर देने वाला था। घृत कंबल को हटाकर भगवान को आभामय स्वरूप में दर्शनार्थ प्रस्तुत किया गया। प्रातः 10 बजे से भगवान बदरीविशाल का महाभिषेक प्रारंभ हुआ।

इससे पूर्व, बीते रविवार को श्री गरुड़ जी, उद्धव जी, श्री कुबेर जी, आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी और ‘गाडू घड़ा’ (तेल कलश) श्री बदरीनाथ धाम पहुंच चुके थे।

धार्मिक उल्लास और सांस्कृतिक भव्यता का संगम

मंदिर परिसर को विशेष रूप से फूलों और रोशनियों से सजाया गया था। श्रद्धालुओं द्वारा दान एवं सहयोग से भंडारे आयोजित किए गए। सेना और आईटीबीपी ने भी इस कार्य में भाग लिया। सीमांत गांव माणा एवं बामणी की महिलाओं ने पारंपरिक भजन-कीर्तन और भक्तिमय नृत्य प्रस्तुत किए।

हेलीकॉप्टर से मंदिर परिसर और श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई, जिससे वातावरण आस्था एवं दिव्यता से सराबोर हो गया। मंदिर सिंह द्वार पर वेदवेदांग संस्कृत विद्यालय, जोशीमठ के छात्रों ने स्वस्तिवाचन कर वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।

मुख्यमंत्री धामी ने दी शुभकामनाएं, यात्रा के लिए न्योता

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दीं और चारधाम यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को प्राथमिकता पर रखते हुए योजनाओं को क्रियान्वित किया है और श्रद्धालुओं के लिए हरसंभव सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस वर्ष चारधाम यात्रा नए कीर्तिमान स्थापित करेगी और तीर्थयात्रियों की संख्या ऐतिहासिक होगी। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश और देश की समृद्धि एवं सुख-शांति की कामना की।

बीकेटीसी की ओर से श्री बदरीविशाल की प्रथम महाभिषेक पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से संपन्न कराई जाएगी।

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पर्यटन विभाग व मंदिर समिति की तैयारियां

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि अब तक चारधाम यात्रा हेतु लगभग 25 लाख तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है, जो एक उत्साहजनक संकेत है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के नवनियुक्त अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती एवं विजय कपरवाण ने भी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं।

पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने मंदिर समिति और पर्यटन विभाग को दिशा-निर्देश जारी करते हुए सरल और व्यवस्थित दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। रजिस्ट्रेशन जांच और टोकन प्रणाली पर विशेष जोर दिया गया है।

बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मंदिर समिति तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने यात्रा से जुड़े सभी विभागों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।

अन्य मंदिरों के कपाट भी खुले

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ के अनुसार, बदरीनाथ मंदिर परिक्रमा स्थित सभी मंदिरों — माता लक्ष्मी, श्री गणेश, घंटाकर्ण जी, आदि केदारेश्वर, श्री शंकराचार्य मंदिर, माता मूर्ति मंदिर (माणा), भविष्य बदरी मंदिर (सुभाई तपोवन) — के कपाट भी इसी दिन श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।

माता मूर्ति मंदिर के कपाट पुजारी हनुमान प्रसाद डिमरी और भविष्य बदरी मंदिर के कपाट पुजारी संजय डिमरी द्वारा खोले गए।

उपस्थित प्रमुख व्यक्ति:

इस पावन अवसर पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई पंकज मोदी, स्वामी सविदानंद, बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला, वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद अध्यक्ष रामचंद्र गौड़, बीकेटीसी के पूर्व उपाध्यक्ष किशोर पंवार, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ, डिमरी पंचायत उपाध्यक्ष भास्कर डिमरी, एवं कई अन्य क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, संत, एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

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