नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने नज़र आए। कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया कि उनके पांच जिला पंचायत सदस्यों को तलवारों और पिस्तौलों के दम पर अगवा कर लिया गया, ताकि चुनाव नतीजों को प्रभावित किया जा सके। लेकिन अगले ही दिन इस मामले ने नया मोड़ ले लिया, जब लापता बताए जा रहे पांचों सदस्यों ने एक वीडियो जारी कर कहा कि उनका अपहरण नहीं हुआ है, बल्कि वे अपनी मर्जी से बाहर गए हैं। वीडियो में डिकर सिंह मेवाड़ी और अन्य सदस्यों ने कहा कि उनके अपहरण की अफवाहें निंदनीय हैं, वे सुरक्षित हैं और जल्द ही क्षेत्रवासियों के बीच लौटकर विकास कार्यों में सहयोग करेंगे।
इससे पहले कांग्रेस ने घटना को लेकर कड़ा विरोध जताया और चुनाव का बहिष्कार करने के साथ हाईकोर्ट तक का दरवाज़ा खटखटाया। तल्लीताल पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, प्रत्याशी पुष्पा नेगी के पति आनंद दर्मवाल समेत 11 नामजद और 15 से 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ बीएनएस की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। हालांकि, अब जब स्वयं सदस्य ही वीडियो में “स्वेच्छा से जाने” की बात कह रहे हैं, तो यह विवाद और पेचीदा हो गया है और राजनीतिक गलियारों में गरमा-गरम बहस छिड़ गई है।
Leave a Reply