उत्तराखंड पुलिस का शिकंजा, नकली दवाओं के नेटवर्क से अब तक 6 आरोपी गिरफ्तार
देहरादून। उत्तराखंड में नकली दवाइयों का धंधा करने वाले गिरोह पर एसटीएफ ने बड़ा शिकंजा कसा है। स्पेशल टास्क फोर्स ने हिमाचल प्रदेश के बद्दी से एसवी फायल कंपनी के मालिक विजय कुमार पांडेय को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि वह ब्रांडेड कंपनियों की दवाओं के नकली रैपर और क्यूआर कोड बनाकर गिरोह को सप्लाई करता था।
गिरोह का नेटवर्क
जांच में सामने आया है कि गिरोह नकली जीवन रक्षक दवाइयां तैयार कर बाजार में बेचता था। दवाओं की पैकिंग और प्रिंटिंग इतनी हूबहू होती थी कि असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो जाता था। नकली दवाइयां बाजार में पहुंचने से आम लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा पैदा हो रहा था और सरकारी राजस्व को भी भारी नुकसान हो रहा था।
अब तक छह आरोपी गिरफ्तार
एसटीएफ इस मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें संतोष कुमार, नवीन बंसल, आदित्य काला, देवी दयाल गुप्ता और पंकज शर्मा के नाम शामिल हैं। नवीन बंसल ने पूछताछ में बताया था कि वह नकली दवाइयों की स्ट्रिप तैयार करता था और इसके लिए प्रिंटेड एल्युमिनियम फॉयल बद्दी स्थित फैक्ट्री से मंगवाता था।
आरोपी की भूमिका
गिरफ्तार विजय कुमार पांडेय, बिहार के मधुबनी जिले का रहने वाला है और फिलहाल बद्दी, हिमाचल प्रदेश में रह रहा था। वह अपने कारखाने में एल्युमिनियम फॉयल पर किसी भी ब्रांडेड दवा कंपनी का नाम और क्यूआर कोड प्रिंट करता था और इन्हें गिरोह को उपलब्ध कराता था। इतना ही नहीं, वर्ष 2021 में उसने एक फर्जी आईडी पर मोबाइल सिम बनवाकर आरोपी नवीन बंसल को दिया था, जिसका उपयोग नेटवर्क चलाने में किया गया।
एसटीएफ की कार्रवाई
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि गिरोह दवा कंपनियों की नकली पैकिंग, आउटर बॉक्स और क्यूआर कोड तैयार कर नकली दवाइयों को बाजार में उतारता था। यह गंभीर अपराध है क्योंकि इससे जनता की सेहत सीधे प्रभावित होती है। मामले की विवेचना निरीक्षक यशपाल सिंह बिष्ट को सौंपी गई है और जांच में कई अहम सुराग मिले हैं।
आगे की जांच
गिरफ्तार विजय कुमार पांडेय से पूछताछ जारी है। एसटीएफ को उम्मीद है कि गिरोह से जुड़े और लोगों की पहचान जल्द हो जाएगी। पुलिस का कहना है कि इस फर्जीवाड़े का नेटवर्क बड़ा है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
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