हरिद्वार: योगगुरु बाबा रामदेव के आचार्यकुलम में पढ़ रहे छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के तीन बच्चों को प्रशासनिक मदद से उनके अभिभावकों के सुपुर्द किया गया है। अभिभावकों का आरोप है कि आचार्यकुलम प्रबंधन ने बच्चों को उन्हें सौंपने से इनकार कर दिया था। साथ ही इन बच्चों को घर ले जाने के लिए दो लाख रुपये की मांग की गई थी। बंधक बच्चों को छुड़ाने के लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से मदद मांगी। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के जिला अधिकारी निलेश कुमार ने उत्तराखंड के अधिकारियों से संपर्क किया। इसके बाद हरिद्वार जिला प्रशासन ने गरियाबंद जिले से आई प्रशासनिक टीम और अभिभावकों को बंधक बनाए गए बच्चों को सौंपा दिया। अभिभावक बच्चों को लेकर छत्तीसगढ़ रवाना हो गए हैं। इस मामले में अभिभावकों की ओर से हरिद्वार के मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिलाधिकारी से भी शिकायत की गई थी। फिलहाल इस पर हरिद्वार के जिलाधिकारी से और मुख्य शिक्षा अधिकारी कुछ कहने से बच रहे हैं।
हरिद्वार के मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉक्टर आनंद भारद्वाज ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि उनके पास हरिद्वार जिलाधिकारी सी. रविशंकर के माध्यम से पीड़ित अभिभावकों की लिखित शिकायत आई थी। जिसके आधार पर उन्होंने आचार्यकुलम की जूनियर शाखा गुरुकुलम प्रबंधन से इस संदर्भ में वार्ता की। बताया कि गुरुकुलम प्रबंधन ने बच्चों को उनके अभिभावकों के सुपुर्द न किए जाने की वजह अभिभावकों के पास आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट ना होना बताया। इस पर उन्होंने जब अभिभावकों से संपर्क किया तो पता चला कि उनमें से दो के पास आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट है, जिसके आधार पर उन्होंने विद्यालय प्रबंधन से अभिभावकों को उनके बच्चों की सुपुर्दगी करा दी। बताया कि अभिभावकों का आरोप था कि उनसे बच्चों की सुपुर्दगी के बदले दो लाख की रकम मांगी जा रही हैं, पर विद्यालय प्रबंधन ने इससे इनकार किया है। दूसरी ओर बच्चों के अभिभावकों की ओर से डीएम और मुख्य शिक्षा अधिकारी को लिखे गए पत्र में इस बारे में शिकायत की गई है। पत्र में बच्चों को छुड़वाने के लिए दो लाख रुपये की मांग की गई है।