उपखण्ड अधिकारी और अवर अभियंता सस्पेंड
पौड़ी। रिखणीखाल ब्लॉक के अंतर्गत वड्डाखाल क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब बिजली की लाइन पर कार्य कर रहे एक संविदा लाइनमैन की करंट लगने से दुखद मृत्यु हो गई। इस घटना को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अत्यंत गंभीरता से लिया है और इसे कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों के पालन की विफलता के रूप में देखा है। मुख्यमंत्री ने इस दुर्घटना की त्वरित जांच और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा मामले में तत्काल प्रभाव से तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें उपखण्ड अधिकारी श्री चंद्रमोहन, अवर अभियंता श्री शुभम कुमार और अधिशासी अभियंता श्री विनीत कुमार सक्सेना शामिल हैं। इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने कार्यस्थल पर सुरक्षा मानकों के अनुपालन में घोर लापरवाही बरती, जिसके चलते यह दुखद घटना घटित हुई। सरकार का यह कदम कार्यस्थलों पर सुरक्षा के प्रति एक स्पष्ट और सख्त संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस प्रकार की लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसमें संलिप्त पाए जाने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि भविष्य में इस तरह की किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए आवश्यक सुधारात्मक उपाय तत्काल प्रभाव से लागू किए जाएं। उन्होंने कहा कि सभी विद्युत कार्यों के दौरान सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यस्थल पर सभी आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध और क्रियाशील अवस्था में हों।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से यह निर्देश भी दिए कि जिन उपकरणों का उपयोग जोखिमपूर्ण परिस्थितियों में किया जाता है, जैसे कि फायर, हाई वोल्टेज केबल या अन्य शॉर्प ऑब्जेक्ट्स, उनके उपयोग के समय कर्मियों के पास हेलमेट, ग्लव्स, सेफ्टी बेल्ट, इन्सुलेटेड औजार तथा अन्य सुरक्षात्मक संसाधनों की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन उपकरणों की अनुपलब्धता किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जा सकती और यदि ऐसा पाया जाता है, तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) के वरिष्ठ अधिकारियों से इस मामले में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह स्पष्ट किया जाए कि वर्तमान में विभाग के पास कितनी संख्या में सुरक्षा उपकरण उपलब्ध हैं और क्या ये उपकरण उन फील्ड कर्मचारियों तक प्रभावी रूप से पहुंच रहे हैं जो प्रतिदिन जोखिमपूर्ण परिस्थितियों में कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी पूछा है कि क्या इन सुरक्षा उपकरणों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है और इनकी गुणवत्ता का मूल्यांकन सुनिश्चित किया जाता है या नहीं।
मुख्यमंत्री धामी ने दोहराया कि राज्य सरकार प्रत्येक कर्मचारी के जीवन और सुरक्षा को सर्वोपरि मानती है। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यस्थल पर सुरक्षा से समझौता करने वाली किसी भी स्थिति को राज्य सरकार गंभीरता से लेगी और इस दिशा में किसी प्रकार की लापरवाही को क्षम्य नहीं माना जाएगा। इस घटना के संदर्भ में मुख्यमंत्री की सख्ती यह संकेत देती है कि राज्य सरकार कार्यस्थल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बेहद गंभीर है और इस दिशा में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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