दहेज विवाद में महिला की संदिग्ध मौत, फंदे पर मिला शव; पति-पक्ष पर हत्या का केस

दहेज

दहेज की मांग न पूरी होने पर विवाहिता को ससुरालियों ने फंदे पर लटकाया

पति, सास और ससुर के खिलाफ केस दर्ज

सितारगंज (ऊधमसिंह नगर) जिले के शक्तिफार्म क्षेत्र में दहेज की मांग पूरी न होने पर ससुराल पक्ष द्वारा विवाहिता को फंदे पर लटकाकर मारने का प्रयास करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़िता के मायके वालों की तत्परता से उसकी जान बच पाई। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने विवाहिता के पति, सास और ससुर के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और हत्या के प्रयास की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द की जाएगी।

प्रेम विवाह के बाद से शुरू हुआ उत्पीड़न

जानकारी के मुताबिक शक्तिफार्म के अरविंदनगर गांव निवासी रतन मिस्त्री ने बताया कि उनकी पुत्री रोशनी ने तीन जनवरी 2023 को गांव के ही सूरज विश्वास के साथ प्रेम विवाह किया था। शादी के शुरुआती कुछ दिनों तक सबकुछ सामान्य रहा। लेकिन इसके बाद सूरज विश्वास, उसकी मां सीमा विश्वास और पिता भरत विश्वास ने रोशनी पर दहेज लाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। ससुराल पक्ष ने रोशनी से दहेज में एक बाइक और दो लाख रुपये की मांग की।

रोशनी ने कई बार ससुराल वालों को समझाया कि उसके मायकेवाले आर्थिक रूप से कमजोर हैं और इतनी बड़ी रकम और बाइक देना संभव नहीं है। लेकिन ससुराल पक्ष ने उसकी एक न सुनी और उस पर लगातार मानसिक और शारीरिक अत्याचार बढ़ा दिए।

बच्चे के जन्म के बाद भी नहीं रुका अत्याचार

रतन मिस्त्री ने बताया कि 19 सितंबर 2023 को रोशनी ने एक बेटे को जन्म दिया। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि बच्चे के जन्म के बाद उत्पीड़न कम होगा, लेकिन इसके उलट ससुराल वालों का व्यवहार और अधिक हिंसक हो गया। रोशनी पर अक्सर दहेज के लिए दबाव बनाया जाने लगा और उसके साथ मारपीट की जाती रही।

हत्या की कोशिश का आरोप, पड़ोसियों ने दी सूचना

रतन मिस्त्री के अनुसार 22 अगस्त 2024 को ससुराल पक्ष ने रोशनी को बुरी तरह पीटने के बाद उसे फंदे पर लटका दिया। पड़ोस की महिलाओं ने यह देखा और तुरंत रोशनी के मायकेवालों को सूचना दी। मौके पर पहुंचे पिता और ग्रामीणों ने रोशनी को फंदे से नीचे उतारा और उसकी जान बचाई।

पीड़िता रोशनी ने होश में आने पर अपने परिजनों को बताया कि ससुराल पक्ष ने दहेज न मिलने पर उसकी हत्या की कोशिश की। उसने आरोप लगाया कि सास, ससुर और पति तीनों ने मिलकर उसे जान से मारने की साजिश रची।

गले और शरीर पर मिले चोटों के निशान

रतन मिस्त्री ने बताया कि घटना के बाद रोशनी के गले पर फांसी के गहरे लाल निशान थे। साथ ही उसके शरीर के विभिन्न हिस्सों पर भी चोट और मारपीट के निशान पाए गए। परिवार ने तुरंत न्यायालय की शरण ली और अदालत के आदेश पर पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी।

पुलिस जांच में जुटी, जल्द गिरफ्तारी की तैयारी

सीओ बीएस धौनी ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर शक्तिफार्म पुलिस ने पति सूरज विश्वास, सास सीमा विश्वास और ससुर भरत विश्वास के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है। मामले की गहन जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी गई है और उन्हें जल्द ही हिरासत में लिया जाएगा।

पुलिस का कहना है कि घटनास्थल का निरीक्षण कर सबूत जुटाए जा रहे हैं। वहीं, पीड़िता और उसके परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस ने आश्वस्त किया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीणों में आक्रोश, कड़ी कार्रवाई की मांग

घटना के बाद पूरे क्षेत्र में गहरा आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की समस्या है। दहेज की वजह से महिलाओं के साथ हो रही हिंसा और अत्याचार पर अब चुप रहना ठीक नहीं है। ग्रामीणों ने प्रशासन और पुलिस से अपील की है कि आरोपियों के खिलाफ न सिर्फ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, बल्कि इस तरह के मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जाए, ताकि समाज में डर का माहौल बने और कोई भी परिवार ऐसी घिनौनी हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।

ग्रामीणों ने यह भी कहा कि दहेज प्रथा पर रोक लगाने के लिए सरकार को जमीनी स्तर पर सख्त कदम उठाने चाहिए। गांव की कई महिलाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि अक्सर ऐसी घटनाएं सामने नहीं आ पातीं क्योंकि महिलाएं डर और सामाजिक दबाव के चलते चुप रहती हैं। ग्रामीणों ने मांग की कि प्रशासन को गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि महिलाएं अपनी आवाज उठा सकें और उन्हें कानूनी सहायता और सुरक्षा का भरोसा मिल सके।

ग्रामीणों ने यह भी चिंता जताई कि यदि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो समाज में अपराधियों का हौसला और बढ़ेगा। उनका कहना है कि पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा दी जाए और उन्हें न्याय दिलाने के लिए सरकार हर संभव मदद करे।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो वे सामूहिक रूप से धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। उनका कहना है कि दहेज के नाम पर हो रही हत्याएं और उत्पीड़न समाज पर कलंक हैं और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

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