चिंताजनक : 24 दिनों के भीतर 83 तीर्थयात्रियों की मौत

कोविड महामारी के कारण दो साल बाद चारधाम यात्रा पूरी क्षमता के साथ संचालित हो रही है। यात्रा के लिए अब तक 20 लाख से अधिक तीर्थयात्री पंजीकरण करा चुके हैं जबकि 10 लाख से अधिक श्रद्धालु चारों धामों में दर्शन कर चुके हैं। मौसम की चुनौतियों और विकट भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद तीर्थयात्री स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों की अनदेखी कर केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी और ठंड के कारण हार्ट अटैक से होने वाली मौतों की संख्या ज्यादा है।

चारधाम यात्रा में विकट भौगोलिक परिस्थितियों के चलते श्रद्धालुओं की मौत का सिलसिला जारी है। चारधाम यात्रा शुरू होने के 24 दिनों के भीतर 83 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन सात तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।

बृहस्पतिवार को केदारनाथ यात्रा में चार यात्रियों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है, वहीं उत्तरकाशी में तीन तीर्थयात्रियों की भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। केदारनाथ में नंदू (65) निवासी नालंदा बिहार, हरिद्वार तिवारी (62) निवासी बलरामपुर, यूपी, रामनारायण तिवारी (65) निवासी लखनऊ और हेमराज सोनी (61) निवासी बारा, राजस्थान की मौत हो गई। वहीं उत्तरकाशी में यमुनोत्री धाम में राजस्थान निवासी लालचंद राठी की अचानक तबीयत खराब हो गई, अस्पताल पहुंचने तक उन्होंने दम तोड़ दिया। वहीं खरादी में इलाहाबाद के तीर्थयात्री रामचंद्र शाहू और हर्षिल में आगरा निवासी चंद्र भान राठौर की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई।

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.शैलजा भट्ट ने बताया कि अब तक 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की ओपीडी की गई। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए केदारनाथ धाम में 24 फिजिशियन, 133 चिकित्सक, 12 आर्थोपैडिक सर्जन व 65 नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टॉफ 15-15 दिनों के रोटेशन के अनुसार ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं। केदारनाथ की विषम परिस्थितियों को देखते हुए चार अतिरिक्त चिकित्सक भी केदारनाथ अस्पताल में तैनात किए गए हैं। चारधाम यात्रा को सुरक्षित संचालित कराने के लिए यात्रा मार्गों पर 117 एंबुलेंस तैनात की गई हैं।

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