पीजीआई चंडीगढ़ की पीडियाट्रिक पल्मनोलॉजी सेंटर और टेलीमेडिसिन विभागाध्यक्ष मीनू सिंह को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश की नई निदेशक नियुक्त किया गया है। शुक्रवार को को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उनकी नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया।
प्रो. मीनू ने हिमाचल प्रदेश विवि शिमला से एमबीबीएस किया। इसके बाद पिट्सबर्ग विवि अमेरिका से पीडियाट्रिक पल्मनोलॉजी में फेलोशिप की। प्रो. मीनू सिंह वर्तमान में पीजीआई चंडीगढ़ में पीडियाट्रिक पल्मनोलाजी सेंटर और टेलीमेडिसिन विभागाध्यक्ष के तौर पर काम कर रही हैं। बाल रोग अनुसंधान के क्षेत्र में प्रो. मीनू सिंह का विशेष योगदान रहा है। उन्होंने खासकर टीबी, अस्थमा और सिस्टिक फाइब्रोसिस के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया।
उनको टीबी के निदान के लिए किए गए कार्यों के लिए कई बार केंद्रीय और राज्य स्तर पर सम्मानित भी किया गया है। प्रो. मीनू सिंह ने टीबी की पहचान और संक्रमण के निदान और उपचार के प्रोटोकाल, दवाओं की पहचान और वैक्सीनेशन को लेकर विश्व स्वास्थ संगठन के साथ भी काम किया है। वह टीबी, अस्थमा, एलर्जी में बीसीजी टीकाकरण की भूमिका को लेकर आईसीएमआर का नेतृत्व करते हुए लगातार काम कर रही हैं।
मौजूदा समय में वह आईसीएमआर के संक्रमण एलर्जिक ब्रोंकोपाल्मोनरी एस्पेरगिलोसिस से जुड़े शोध पर कार्य कर रही हैं। इससे पहले उन्होंने डाट्स पाठ्यक्रम पर भी काम किया है।
बीते साल 13 सितंबर को एम्स ऋषिकेश के तत्कालीन निदेशक प्रो. रविकांत के सेवानिवृत्त होने के बाद एम्स रायबरेली के निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी को एम्स के निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। एम्स की प्रशासनिक और चिकित्सा व्यवस्था के लड़खड़ाने बाद से लगातार संस्थान में स्थायी निदेशक की नियुक्ति की मांग उठ रही थी। आखिरकार एम्स को स्थायी निदेशक मिल गया।