चमोली हिमस्खलन : सुमना में एक और शव बरामद,दो लापता मजदूरों का नहीं चल पाया पता

सुमना की आपदा के छठवें दिन भी बीआरओ के मजदूरों की खोज का अभियान जारी है। सुमना में आज बुधवार को एक और शव बरामद किया गया है। अभी तक दो लापता मजदूरों का कोई पता नहीं चल पाया है। इस हादसे में 16 मजदूरों के शव बरामद कर लिए गए हैं। सभी शवों की शिनाख्त कर ली गई है। बुधवार को सभी शव जौलीग्रांट से झारखंड भेज दिए जाएंगे।

बीआरओ ने सुमना तक सड़क मार्ग को खोल दिया है। घटना स्थल तक पहुंचने के लिये 4 किमी. शेष बचा हुआ है। सड़क मार्ग पर भारी हिमखंड होने के चलते समय लग रहा है।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि आपदा में मृतक बीआरओ के ये सभी मजदूर झारखंड राज्य के रहने वाले थे। परिजनों तक मृतकों के शव पहुंचाने के लिए झारखंड सरकार से बात की गई है और बीआरओ के माध्यम से बुधवार तक सभी शवों को झारखंड सरकार के सुपुर्द किया जाएगा।

शवों को सुरक्षित रखने के लिए एंबुलेंस से श्रीनगर अस्पताल भेजा गया और बुधवार को सभी शव जौलीग्रांट से झारखंड भेजने की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मलारी से सुमना तक सड़क मार्ग खोलने का काम भी जारी है। वहीं सुमना में अभी भी तीन मजदूर लापता चल रहे हैं, जिनकी सेना, बीआरओ, आईटीबीपी और जिला प्रशासन की ओर से लगातार खोज की जा रही है।

हादसे में बचाए गए 384 मजदूरों को अभी भी सेना कैंप में रखा गया है। यहीं मजदूरों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था की जा रही है। मलारी से सुमना तक सड़क मार्ग खुलने के बाद वाहनों से मजदूरों को जोशीमठ लाया जाएगा। 

सुमना में चला चक्रवात, राहत-बचाव कार्य में आई दिक्कतें

चारों ओर बर्फ से ढके सुमना क्षेत्र में मंगलवार को दोपहर बाद चक्रवात चलने से राहत बचाव कार्य भी प्रभावित हुआ। सुबह से ही सेना और आईटीबीपी के जवान तीन लापता मजदूरों की तलाश में जुटे थे। बीआरओ के ध्वस्त हो चुके कैंप को भी मौके से हटाया गया, इसके बाद भी लापता मजदूरों का कुछ पता नहीं लगा।

मंगलवार को सुमना में सुबह चटख धूप खिली थी, लेकिन दोपहर बाद अचानक मौसम ने करवट बदली और आंधी तूफान शुरू हो गया, जिससे रेस्क्यू में दिक्कतें आई। 

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