हिन्दू धर्म में त्योहारों का विशेष महत्व है… हर त्यौहार हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है… दीपावली के बाद गोवेर्धन पूजा और फिर भैया दूज की रौनक से हर किसी के चेहरे खिले होते है…
वही इस बार दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण के चलते लोगों में त्योहारों को लेकर कश्मकश दिखी। तो उसी उलझन को दूर करने के लिए बता दे की दिवाली (24 अक्टूबर) के अगले दिन (25 अक्टूबर) को सूर्य ग्रहण के चलते आज यानि (26 अक्टूबर) को गोवेर्धन पूजा मनाया जा रहा है तो वही दूसरी ओर ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस साल भाई दूज का पर्व दो दिन यानी आज (26 और कल 27 अक्टूबर) को भैया दूज मनाया जा रहा है।
हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को हिन्दू रीती रिवाज़ो में भाई दूज का त्योहार बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। भाई दूज के मौके पर बहन भाई के माथे पर टीका करती है। आरती उतारकर उनकी लंबी आयु की कामना करती है।
भाई दूज के दिन बहनों के घर भोजन करने से भाई की उम्र बढ़ती है। इस साल भाई दूज के पर्व की तिथियों को लेकर उलझन की स्थिति बनी हुई है।
ऐसी मान्यता है कि जिन महिलाओं के भाई दूर रहते हैं और वह उन तक भाई दूज के दिन नहीं पहुंच पाती। वह इस खास दिन नारियल के गोले को तिलक करके रख लेती हैं और फिर जब उन्हें मौका मिलता है, वह भाई के घर जाकर उन्हें यह गोला भेंट करती हैं।