उत्तराखंड: रडांग के बाद अब तोताघाटी में भी बंद हुआ बदरीनाथ हाईवे, शाम तक खुलने के आसार

उत्तराखंड चारधाम यात्रा मार्ग पर रडांग बैंड में बदरीनाथ हाईवे लगातार छह दिन से बंद है। वहीं, सोमवार देर रात तोताघाटी में भी हाईवे मलबा और बोल्डर आने से बंद हो गया है। बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) की मशीनें हाईवे को सुचारु करने में जुटी हुई हैं।

बता दें कि 20 मई को भारी बारिश के दौरान रडांग बैंड में हाईवे का लगभग 50 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था और पुश्ते भी बह गए थे, जिससे सीमा क्षेत्र में सेना की आवाजाही भी थम गई है।

साथ ही देश के अंतिम गांव माणा के ग्रामीणों को भी आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हाईवे बंद होने के बाद से बीआरओ की नौ जेसीबी व पोकलैंड मशीनें हाईवे को सुचारु करने में जुटी हुई हैं।
फरासू में साढ़े 10 घंटे बाद खुला बदरीनाथ हाईवे
ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे फरासू से सिरोहबगड़ के बीच जगह-जगह मलबा आने और पुश्ता ढहने से लगभग 10 घंटे अवरुद्ध रहा। पीडब्लूडी राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने सोमवार को मार्ग यातायात के लिए खोल दिया, लेकिन मार्ग की स्थिति बहुत खराब हो गई। कुछ स्थानों पर मार्ग काफी संकरा हो गया है। पीडब्लूडी के सहायक अभियंता राजीव शर्मा के अनुसार कलियासौड़ क्षेत्र में बादल फटने से राजमार्ग को काफी क्षति पहुंची है।

रविवार शाम को चलणस्यूं क्षेत्र में हुई तेज बारिश का पानी गदेरे का रूप लेते हुए बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंच गया। लगभग साढ़े सात बजे कलियासौड़ और सिरोहबगड़ के बीच दो कल्वर्ट बह गए। जबकि दो स्थानों पर दीवार क्षतिग्रस्त हो गई।

इसके अलावा फरासू और चमधार के समीप मलबा आ गया। मार्ग अवरुद्ध होने से दोनों ओर वाहन फंसे रहे। रुद्रप्रयाग से मरीजों को ला रहे वाहनों को भी लौटना पड़ा।  
ग्लेशियर खिसकने से मुनस्यारी-मिलम मार्ग बंद
 पिथौरागढ़ में मापांग के पास छिरकानी में ग्लेशियर खिसकने से मुनस्यारी-मिलम मार्ग बंद हो गया है। मार्ग बंद होने से सीमांत से सड़क और पैदल मार्ग से आवाजाही नहीं हो पा रही है। हालांकि, लोक निर्माण विभाग ने मार्ग से ग्लेशियर हटाने के लिए मजदूर लगा दिए हैं। मंगलवार तक इस मार्ग के खुलने की उम्मीद है। 

इधर थल-मुनस्यारी मोटर मार्ग पर बनिक के पास आया मलबा पूरी तरह से न हटने के कारण भारी वाहन मुनस्यारी नहीं पहुंच पा रहे हैं। इस कारण मुनस्यारी सामग्री लाने वाले ट्रक बनिक में ही फंसे हैं। यदि दो, चार दिनों में बड़े वाहनों के लिए यातायात बहाल नहीं होता है तो क्षेत्र में जरूरी वस्तुओं का संकट गहरा सकता है।

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