विकास की रफ्तार में पिछड़ने के कारण पहाड़ों को पलायन की मार झेलनी पड़ती है, ये मार पौड़ी जिले पर सबसे ज्यादा पड़ी है. वहीं अब भी 15 ब्लॉक वाले पौड़ी में 113 विकासकार्य लंबित पड़े हैं.
जिले के कुल 1208 ग्राम पंचायतों में अभी भी दर्जनों विकास कार्य अधर में लटके हैं. इसके अलावा दर्जनों के उपयोगिता प्रमाण पत्र ही नहीं मिले. जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने आज समीक्षा बैठक की.
इन हालातों को देख डीएम ने नाराज़गी जाहिर की. और अफसरों को जमकर फटकार लगाई.
विकास की दौड़ में द्वारीखाल ब्लॉक फिसड्डी
15 विकासखंडों वाले पौड़ी जिले में अभी भी विधायक निधि के अंतर्गत विभिन्न विकास खंडों में 113 विकास कार्य लंबित पड़े हुए हैं.
डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि जिले के पौड़ी ब्लॉक में 2, पाबौ 6, खिर्सू 3, कल्जीखाल 3, थलीसैंण 6, बीरोंखाल 4, दुगड्डा 10, यमकेश्वर 26, जयहरीखाल 9 तथा द्वारीखाल में 46 कार्य लंबित हैं.
विकास कार्यों के अंतर्गत इन विकासखंडों में खेल मैदान, मिलन केंद्र, बारातघर, संपर्क मार्ग, सीसी मार्ग, पुलिया, नाली, चारदीवारी, पुस्ता निर्माण सहित अन्य कार्यों को किया जाना है.
हालांकि, कई जगहों पर कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन उपयोगिता प्रमाण-पत्र नहीं मिलने से कार्य को हैंडओवर नहीं किया जा सका. नए वित्तीय वर्ष में नई सरकार आने को अब कुछ ही दिन बचे हुए हैं.
ऐसे में विधायक निधि के कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य अभी भी प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है. डीएम ने सभी संबंधित रेखीय विभागों को आदेश जारी कर अवशेष कार्य पूरा करने को कहा है.
जिला पंचायत राज अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि जिले में सर्वाधिक एक करोड़ का बजट द्वारीखाल ब्लॉक को मिला. इसके बाद भी सबसे ज्यादा लंबित कार्य भी इसी ब्लॉक के हैं.
यमकेश्वर ब्लॉक को 60 लाख, थलीसैंण को 18 लाख तथा पाबौ को 14 लाख का बजट दिया गया.
















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