World Liver Day 2022: तेजी से बढ़ रही हैं लिवर की बीमारियां, जानिए इसके कारण और बचाव के तरीके

लिवर, शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। हमारे खून में रासायनिक स्तर को नियंत्रित करने के साथ पित्त के उत्सर्जन और भोजन के पाचन में लिवर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके अलावा शरीर से अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालने और खून को साफ रखने में भी इस अंग का योगदान होता है। पिछले एक दशक में लोगों में लिवर से संबंधित कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ता हुआ देखा गया है। हमारी जीवनशैली और खान-पान की गड़बड़ आदतें भी लिवर की सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं, जिसके बारे में सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है। लिवर में होने वाली छोटी सी भी समस्या के कारण पूरे शरीर का स्वास्थ प्रभावित हो सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, आनुवांशिक कारकों के साथ आहार की अशुद्धि लिवर के रोगों का प्रमुख कारण मानी जाती है। शराब का सेवन और मोटापा जैसे कारक भी इस अंग की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। लिवर की समस्याओं पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह लिवर सिरोसिस और गंभीर स्थितियों में लिवर फेलियर का कारण भी बन सकती है। लिवर स्वास्थ्य के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है। आइए तेजी से बढ़ती लिवर की बीमारियों के लक्षण और इससे बचाव के उपायों के बारे में जानते हैं।लिवर की बढ़ती बीमारियां

क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे जीवनशैली की गड़बड़ आदतों के साथ अशुद्ध खान-पान और आनुवांशिक कारकों के कारण इस अंग से संबंधित कई तरह की समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। अगर आपके परिवार में किसी को लिवर से संबंधित गंभीर समस्याएं रह चुकी हैं तो आपमें भी इसका खतरा हो सकता है। इसके अलावा हेपेटाइटिस का संक्रमण, प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी, ओवर-द-काउंटर दवाओं या शराब का अधिक सेवन, अधिक वजन के कारण भी लोगों में लिवर की तमाम बीमारियों का जोखिम तेजी से बढ़ता जा रहा है।

लिवर की समस्याओं के संकेत

विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते लिवर की बीमारियों के संकेत की अगर पहचान कर ली जाए, तो गंभीर और जानलेवा समस्याओं के जोखिम से बचाव किया जा सकता है। हालांकि लिवर की बीमारियों में हर बार संकेत नजर नहीं आते हैं। कुछ सामान्य से बदलाव लिवर की समस्याओं की ओर इशारा हो सकते हैं।

  • बार-बार पीलिया की दिक्कत होना।
  • अक्सर पेट दर्द और सूजन बना रहना।
  • पेशाब के रंग में गाढ़ापन बना रहना।
  • थकावट और कमजोरी की समस्या।
  • उल्टी अथवा मितली की दिक्कत महसूस होते रहना।
  • भूख न लगना या पाचन ठीक न रहना।लिवर की बीमारियों का जोखिम 

    स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक लिवर की बीमारी किसी को भी हो सकती है, हालांकि कुछ स्थितियां आपको इन बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील बना देती हैं। जैसे यदि आपका वजन सामान्य से अधिक है, जो लोग शराब अधिक पीते हैं, टाइप-2 डायबिटीज के शिकार या लाइफस्टाइल संबंधी समस्याएं लिवर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।

    लिवर की समस्याओं के कारण के आधार पर लोगों में इसकी जटिलताएं अलग-अलग प्रकार की हो सकती हैं। इन रोगों की अनुपचारित स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।लिवर की बीमारियों का इलाज

    क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट्स के मुताबिक लिवर की बीमारी का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि आपको बीमारी किस प्रकार की है और यह कितनी बढ़ चुकी है? स्थिति के आधार पर दवाइयों और लाइफस्टाइल में बदलाव के आधार पर इन समस्याओं को ठीक करने का प्रयास किया जाता है। यदि समस्या बहुत गंभीर है तो सर्जरी और कुछ स्थितियों में लिवर ट्रांसप्लांट की भी आवश्यकता हो सकती है।

    लिवर को स्वस्थ रखने के लिए क्या करना चाहिए?

    विशेषज्ञों के मुताबिक लिवर की बीमारियों से बचाव के लिए कुछ उपाय काफी कारगर हो सकते हैं। विशेषरूप से स्वस्थ आहार और जीवनशैली आपको कई तरह की बीमारियों के जोखिम से बचा सकती है। सभी लोगों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

    • शराब से लिवर को सबसे ज्यादा नुकसान होता है, इससे बचाव करें।
    • ट्रांस फैट या हाई फ्रुक्टोज वाले खाद्य और पेय पदार्थों से बचें।
    • ओवर-द-काउंटर दवाओं का सेवन कम करें। डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाइयों का ही सेवन करें।
    • नियमित व्यायाम करना. लिवर को स्वस्थ रखने में सहायक है।
    • रेड मीट का सेवन कम करें, इससे लिवर को नुकसान हो सकता है।

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