मनरेगा के तहत मिट्टी निकालते समय चार महिलाएं मलबे में दबी, एक ही मौत

उत्तरकाशी जिले की मोरी तहसील के फिताड़ी गांव में मनरेगा के तहत मिट्टी निकालते समय चार महिलाएं मलबे में दब गईं. महिलाओं के मिट्टी में दबने की सूचना मिलने पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों ने चारों महिलाओं को मिट्टी के ढेर से बाहर निकाला. बताया जा रहा है कि एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. उसे सीएचसी मोरी लाया जा रहा था. तब तक इस महिला की मौत हो गई थी. तीन घायल महिलाओं को सीएचसी ले जाया जा रहा है.

मनरेगा का काम कर रही थीं महिलाएं: आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल के मुताबिक, उत्तरकाशी की तहसील मोरी के अंतर्गत ग्राम फिताड़ी में चार महिलाएं मिट्टी खोदते समय दब गईं. मौके के लिए 108 एंबुलेंस, पुलिस और एसडीआरएफ टीम रवाना हुई. साथ ही राजस्व उपनिरीक्षक भी रवाना हो गए हैं. हालांकि इससे पहले ही ग्रामीणों ने चारों महिलाओं को मिट्टी के ढेर से बाहर निकाला. इस दौरान एक महिला की हालत बहुत गंभीर थी. अस्पताल ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया.

मलबे में दब गईं महिलाएं: बताया जा रहा है कि हादसा मिट्टी निकालते समय ऊपर से मलबा आने से हुआ है. मलबे में चार महिलाएं दब गई थीं. जिन्हें ग्रामीणों ने मिट्टी के ढेर से बाहर निकाल लिया था. इनमें एक महिला की हालत बहुत गंभीर थी. ग्रामीणों ने तत्काल सभी घायल महिलाओं को सीएचसी मोरी रवाना किया. लेकिन इस दौरान गंभीर रूप से घायल एक महिला ने दम तोड़ दिया था. ये महिलाएं मनरेगा स्कीम के तहत काम कर रही थीं.

ये महिलाएं हुईं हादसे का शिकार: यह हादसा आज सुबह करीब साढ़े सात बजे हुआ, जब महिलाएं मनरेगा का कार्य कर रही थीं. तभी उनके ऊपर मलबा आ गया और वो दब गईं. हादसे में रेक्चा गांव की सूरी देवी (उम्र 35 वर्ष) पत्नी विद्वान सिंह की मौत हो गई. वहीं, फिताड़ी गांव की सुशीला देवी (उम्र 38 वर्ष) पत्नी रणवीर सिंह, कस्तूरी देवी (उम्र 37 वर्ष) पत्नी ज्ञान सिंह, विपीना (उम्र 32 वर्ष) पत्नी रामलाल सिंह घायल हुई हैं.

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