देशभर में आज नागपंचमी धूम धाम से मनाई जा रही है, पहाड़ों की रानी मसूरी में स्थित प्राचीन नागमंदिर में भी नागपंचमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.
इस मौके पर मसूरी और आस पास के इलाकों से श्रद्धालु नाग मंदिर पहुंचे, श्रद्धालुओं ने मूर्ति का दुग्धाभिषेक किया और नाग देवता के दर्शन किए.
इस मौके पर नाग मंदिर समिति द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा का समापन किया गया.
इस मौके पर मंदिर समिति द्वारा विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया. ग्रामीणों का कहान है कि उनके कुल देवता नाग हैं. जो कोई भक्त इस मंदिर से सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी मुराद अवश्य ही पूरी होती है.
जानकारी के अनुसार मसूरी का प्राचीन मंदिर ये मंदिर 500 साल पुराना है. मान्यता है कि वर्षों पहले गाय चरकर शाम के समय अपने गौशाला में पहुंचती थी, तो उसके थनों में दूध नहीं पाया जाता था.
क्योंकि वह अपना दूध पत्थर पर छोड़ कर आ जाती थी. जिसे नाग देवता पी जाते थे. गाय के मालिक ने चुपके से गाय को पत्थर पर दूध छोड़ते देखा और देखा कि उस दूध को एक नाग पी रहे थे.
तभी से इस स्थान पर नाग मंदिर की स्थापना की गई. जिसके बाद क्यार कुली भट्टा गांव के लोग नाग देवता को कुलदेवता मानने लगे.