लोहाघाट : पूर्व BJP विधायक पूरन सिंह की दायर याचिका पर कांग्रेस विधयक को SC से राहत

लोहाघाट के पूर्व भाजपा विधायक पूरन सिंह ने याचिका दायर कर कांग्रेस के वर्तमान विधायक अधिकारी पर नामांकन के दौरान तथ्य छिपाने का आरोप लगाते हुए उनका निर्वाचन रद करने की मांग की थी। इस मामले में हाई कोर्ट ने सरकार व पूर्व विधायक से जवाब मांगा था…

लोहाघाट के कांग्रेस विधायक खुशाल सिंह अधिकारी के निर्वाचन को रद करने की मांग करती पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल की याचिका पर नैनीताल हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। साथ ही पूर्व विधायक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

लोहाघाट के पूर्व भाजपा विधायक पूरन सिंह ने याचिका दायर कर कांग्रेस के वर्तमान विधायक अधिकारी पर नामांकन के दौरान तथ्य छिपाने का आरोप लगाते हुए उनका निर्वाचन रद करने की मांग की थी। इस मामले में हाई कोर्ट ने सरकार व पूर्व विधायक से जवाब मांगा था।

विधायक अधिकारी ने याचिका के वाद बिंदुओं पर आपत्ति जताई थी, जिसका निस्तारण करते हुए कोर्ट ने पूर्व विधायक को याचिका की कमियां दूर करने का समय दिया था। इसके बाद इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से पक्षकारों के बयान दर्ज किए जा रहे थे। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ने की सुनवाई

सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान विधायक खुशाल सिंह अधिकारी के अधिवक्ता पूर्व महाधिवक्ता वीबीएस नेगी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने विधायक अधिकारी की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है। बताया कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में एसएलपी पर सुनवाई हुई।

लोहाघाट विधान सभा सीट पर भाजपा के पराजित प्रत्याशी पूरन फर्त्याल ने कांग्रेस के विजयी प्रत्याशी खुशाल सिंह अधिकारी के निर्वाचन को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया है कि अधिकारी ने 24 जनवरी 2022 को नामांकन किया किन्तु शपथ पत्र 28 जनवरी को दाखिल किया जबकि यह नामांकन पत्र के साथ ही दाखिल होना था। यही नहीं शपथ पत्र में उन्होंने गलत सूचनाएं दी। नामांकन के समय उनके 25 सरकारी कार्यों के ठेके चल रहे थे, जिसे उन्होंने छुपाया है।

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