हरिद्वार जिले के रुड़की निवासी शारदा देवी वर्ष 2019 में नगर निगम रुड़की से पर्यावरण मित्र के रूप में सेवाएं दे कर सेवानिवृत्त हुई थी जहां उन्हें सेवानिवृत के बाद उनके भविष्य निधि उपार्जित अवकाश आदि का जो भुगतान किया गया, वह उनके सहयोगियों से कम था जिस पर कम भुगतान का संदेह होते हुए सूचना का अधिकार इस्तेमाल कर नगर निगम से अपनी नियुक्ति के समय से सेवानिवृत्त अपने भविष्य निधि सभी की जानकारी प्राप्त की और सभी सूचनाओं और अपील आरती को प्राप्त भुगतान में भिन्नता पाए जाने पर उन्होंने आयोग के समक्ष द्वितीय अपील की।
जिस पर राज्य सूचना आयोग द्वारा नगर निगम रुड़की को निर्देश दिया गया कि शारदा देवी के अभिलेखों एवं भुगतान का पुनर परीक्षण कर भिन्नता की स्थिति स्पष्ट करें। आयोग द्वारा 5 दिन का समय निर्धारित करते हुए सभी सूचना प्रमाणित कर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए जिस पर नगर निगम रुड़की द्वारा अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया गया शारदा देवी द्वारा इस बारे में राज्य सूचना आयोग में शिकायत की गई जिस पर कार्रवाई करते हुए और निर्देशों पर अमल न किए जाने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए आयोग ने अभिलाष थी शारदा देवी के भविष्य निधि फंड एवं उपार्जित अवकाश की गणना किए जाने के निर्देश दिए साथ ही आयोग के निर्देशों की अवहेलना में संबंधित अफसरों का जवाब तलब किया गया। और अगली तिथि तक भुगतान के निर्देश दिए गए।
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट के निर्देशों के क्रम में नगर निगम रुड़की द्वारा तीन अलग-अलग चेकों के माध्यम से रू 62,642.00, रू56,560.00 , रू6,405.00 , रू1,25,587.00 भुगतान किया गया।
शारदा देवी ने शेष भुगतान की पुष्टि करते हुए आयोग का धन्यवाद किया साथ ही प्रश्न का प्रकरण में संबंधित पर कोई भी कार्यवाही ना किए जाने का अनुरोध किया। आयोग द्वारा निगम में सेना वृत्त कर्मचारियों के उपार्जित अवकाश जीपीएस इत्यादि अवशेषों का भुगतान मानवीय आधार पर प्राथमिकता देते हुए किए जाने के निर्देश दिए साथ ही नगर आयुक्त से अपेक्षा की गई किस प्रकार की त्रुटि की पुनरावृति भविष्य में ना हो चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में आयोग के निर्देशों की अनदेखी अवहेलना की चेष्टा ना की जाए।