उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र सिर्फ चार दिन चला

बिना चर्चा के सालाना बजट पास, विधानसभा का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

– दिल्ली में होने की वजह से राज्यपाल के अभिभाषण पर सीएम का धन्यवाद प्रस्ताव पेश नहीं

देहरादून। उत्तराखण्ड विधानसभा में वर्ष 2024-25 का बजट पास होते ही सत्र अनिश्चितकाल तक स्थगित कर दिया गया। नेता विपक्ष नेआरोप लगाया कि सरकार ने विपक्ष की आवाज को दबाया और संख्या बल के आधार पर संसदीय परंपराओं की अनदेखी की ।

उल्लेखनीय है कि नेता सदन सीएम बुधवार को दिल्ली चले गए थे। नतीजतन, राज्यपाल के अभिभाषण पर नेता सदन का धन्यवाद भाषण भी नहीं हुआ।

विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने कहा कि विपक्ष का आरोप सही नहीं है। जो लोग सदन में थे उनको पूरा-पूरा मौका दिया गया।

बीते 26 फरवरी को बजट सत्र की शुरुआत हुई थी। पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद 27 फरवरी को 89 हजार 230 करोड़ का बजट पेश किया गया था। सत्र का बिजनेस 1 मार्च तक तय किया गया था।

गुरुवार को दिन भर चली सदन की कार्यवाही के बाद रात में उत्तराखंड विधानसभा में विनियोग विधेयक पास किया गया। इसके बाद विधानसभा के बजट सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।

इस बीच, नेता विपक्ष यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह ने कहा कि उत्तराखंड के इतिहास में यह पहला मौका है जब राज्यपाल के अभिभाषण पर नेता सदन का धन्यवाद उद्बोधन नहीं हुआ और उसके बाद बिना चर्चा के ही विनियोग विधेयक को पास कर लिया गया और ना ही विनियोग विधेयक पर नेता सदन ने विधानसभा में कोई बयान दिया।

स्पीकर ऋतु खंडूडी ने कहा कि
पिछले चार दिन से विपक्ष की सभी सूचनाओं को सुना गया और विस्तार से चर्चा का मौका दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष जो आरोप लगा रहा है वह पूरी तरह से निराधार है। संसदीय परंपराओं के तहत ही सारे कार्य किए गए और विपक्ष ही नहीं चाहता कि सदन शांतिपूर्ण तरीके से चले।

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